भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पाब्लो नेरूदा |अनुवादक=रेयाज उल ह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पाब्लो नेरूदा
|अनुवादक=रेयाज उल हक
|संग्रह=सवालों की किताब / पाब्लो नेरूदा
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
किसलिए ठहरा रहता है शाखों पर
जब तक झड़ नहीं जातीं पत्तियाँ ?
और इसके पीले पतलून लटकते हुए
कहाँ रह गए हैं ?
क्या यह सच है कि पतझड़ दिखता है बाट जोहता
कि कुछ हो जाए ?
शायद काँप उठे एक पत्ती
या घूम उठे ब्रह्माण्ड ?
धरती के भीतर का चुम्बक
क्या पतझड़ का चुम्बक भाई है ?
धरती के नीचे किस वक़्त
गुलाब को मिला उसका ओहदा ?
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=पाब्लो नेरूदा
|अनुवादक=रेयाज उल हक
|संग्रह=सवालों की किताब / पाब्लो नेरूदा
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
किसलिए ठहरा रहता है शाखों पर
जब तक झड़ नहीं जातीं पत्तियाँ ?
और इसके पीले पतलून लटकते हुए
कहाँ रह गए हैं ?
क्या यह सच है कि पतझड़ दिखता है बाट जोहता
कि कुछ हो जाए ?
शायद काँप उठे एक पत्ती
या घूम उठे ब्रह्माण्ड ?
धरती के भीतर का चुम्बक
क्या पतझड़ का चुम्बक भाई है ?
धरती के नीचे किस वक़्त
गुलाब को मिला उसका ओहदा ?
</poem>