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{{KKRachna
|रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़
|अनुवादक=अमर नदीम
|संग्रह=स्थगित स्वप्न / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम
}}
{{KKCatKavita}}
[[Category:अंग्रेज़ी भाषा]]
<Poem>
हम गुज़रे उनकी क़ब्रों के पास से
वहाँ सिर्फ़ मुर्दे थे
विजयी या पराजित,
कोई फ़र्क नहीं पड़ता था उन्हें ।
उस अन्धेरे में
वे नहीं देख सकते थे
किसको हासिल हुई
जीत !
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम'''
—
'''लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए'''
Langston Hughes
Peace
We passed their graves:
The dead men there,
Winners or losers,
Did not care.
In the dark
They could not see
Who had gained
The victory.
Langston Hughes Saturday, March 27, 2010
</Poem>
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|अनुवादक=अमर नदीम
|संग्रह=स्थगित स्वप्न / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम
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[[Category:अंग्रेज़ी भाषा]]
<Poem>
हम गुज़रे उनकी क़ब्रों के पास से
वहाँ सिर्फ़ मुर्दे थे
विजयी या पराजित,
कोई फ़र्क नहीं पड़ता था उन्हें ।
उस अन्धेरे में
वे नहीं देख सकते थे
किसको हासिल हुई
जीत !
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम'''
—
'''लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए'''
Langston Hughes
Peace
We passed their graves:
The dead men there,
Winners or losers,
Did not care.
In the dark
They could not see
Who had gained
The victory.
Langston Hughes Saturday, March 27, 2010
</Poem>