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Kavita Kosh से
वो भेंगी है, और किसी फ़रिश्ते की बरौनियों से भी बड़ी काली बरौनियों से
घिरी, उसकी विलक्षण दृष्टि का प्रभाव ऐसा हे, ख़ासकर मेरे
लिए, कि वे सारी आँखें, जिनके लिए लोग खुद को कोसते रहतेहैं, उसकी काले दायरों से घिरी, यहूदियों-जैसी आँखों की बराबरी नहीं कर सकतीं ।
वो महज़ बीस की है, पहले से ही गिरी हुई उसकी छातियाँ