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{{KKRachna
|रचनाकार=हरबिन्दर सिंह गिल
|अनुवादक=
|संग्रह=बर्लिन की दीवार / हरबिन्दर सिंह गिल
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
हाँ बर्लिन दीवार के
इन पत्थरों ने
साबित कर दिया है
सच्ची इच्छा शक्ति ही
किसी भी
समस्या का समाधान है।
परंतु उसमें
होनी चाहिए दूरदर्शिता
मानवता के भविष्य की
न कि समक्ष हो
मानव के स्वार्थ।
तभी हम देख सके थे
नन्हें-नन्हें हाथों में
थामें
ये लोहे के हथौड़े
और गिर रही हो जैसे दीवार
कोई मिट्टी की।
</poem>
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|रचनाकार=हरबिन्दर सिंह गिल
|अनुवादक=
|संग्रह=बर्लिन की दीवार / हरबिन्दर सिंह गिल
}}
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<poem>
हाँ बर्लिन दीवार के
इन पत्थरों ने
साबित कर दिया है
सच्ची इच्छा शक्ति ही
किसी भी
समस्या का समाधान है।
परंतु उसमें
होनी चाहिए दूरदर्शिता
मानवता के भविष्य की
न कि समक्ष हो
मानव के स्वार्थ।
तभी हम देख सके थे
नन्हें-नन्हें हाथों में
थामें
ये लोहे के हथौड़े
और गिर रही हो जैसे दीवार
कोई मिट्टी की।
</poem>