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|रचनाकार=रसूल हम्ज़ातव
|अनुवादक=मदनलाल मधु
|संग्रह=मेरा दग़िस्तान / रसूल हम्ज़ातव / मदनलाल मधु
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<poem>
रेवड़ तीन अगर भेजोगे भेड़ों के
नहीं भौंह तक बेटी की तुमको दूँगी ।

तीन थैलियाँ सोने की यदि भेजोगे
नहीं गाल तक बेटी का तुमको दूँगी ।

तीन थैलियों के बदले में मैं तुमको
नहीं गाल का गुल तक बेटी का दूँगी ।

काले कौवे को मैं उसे नहीं सौंपूँगी
और दयालु मोर न मैं उसको दूँगी ।

अरी तीतरी तुम मेरी !
नन्ही-सी सारस मेरी !


'''रूसी भाषा से अनुवाद : मदनलाल मधु'''
</poem>
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