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नीले, शीतल झरने का पानी का घूँट ।
गहरी नींद सुलाता है तुम्हारा नाम ।
 
रचनाकाल : 16 अप्रैल 1916
'''मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह
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