भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उत्पल डेका |अनुवादक=नीरेन्द्र ना...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=उत्पल डेका
|अनुवादक=नीरेन्द्र नाथ ठाकुरिया
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
सितारे इस बारे में बात करते हैं
चाँदनी के सपने देखते हैं

यरूशलेम की स्वप्निल - संध्या में
मरियम सितारों का इन्तज़ार करती रहती है

अब दिसम्बर आ गया है
सर्दियों के कोहरे को चीरते हुए
ठण्डी हवा के झोंके
दिल को कँपकँपा देते हैं
खासी पहाड़ियों पर

शान्ति की रोशनी और प्रेम के गीत
मुझे सलीब पर चढ़ाए गए
पेड़ों की ओर ले जाते हैं
सान्ताक्लॉज़ मुझे देखकर हाथ हिलाते हैं
और कहते हैं — मैरी क्रिसमस

'''मूल असमिया भाषा से अनुवाद : नीरेन्द्र नाथ ठाकुरिया'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,801
edits