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Kavita Kosh से
बर्फ़बारी के दिनों में धूप की सतर
बन्द कमरे मेम सन्दली झोंका
नुमायशी गलीचों मेम में चन्दन अतर
तुम्हारे आने की ख़बर.
मुहर्रमी फानूस से चँदीली नहर