भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उनका सपना / केशव

911 bytes added, 12:30, 7 फ़रवरी 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केशव |संग्रह=|संग्रह=धरती होने का सुख / केशव }} <poem> ...
{{KKGlobal}}

{{KKRachna

|रचनाकार=केशव
|संग्रह=|संग्रह=धरती होने का सुख / केशव
}}
<poem>
उनकी हंसी
छिनाल
उनकी आवाज़
न इस पार
न उस पार
उनका सुख है लोग
लोग ही लोग
उनका दुख
खाली पंडाल
उनकी दिनचर्या
बहरी
पर इच्छाएं वाचाल
उनका सपना बस एक कुर्सी
उनके पाँव
एक छाती पर
दूसरा
इतिहास में
उनका तन भूख़ा
मन भी
आत्मा तक भूखी
देने के लिए वादे
पाने के लिए
छोटी पड़ती दिन-ब-दिन
यह धरती भी।
</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits