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[[Category:ग़ज़ल]]
ओस पदे बहार पर आग लगे कनार में
तुम जो नहीं कनार में लुट्फ़ लुत्फ़ ही क्य क्या बहार में
उस पे करेख़ुदा करे ख़ुदा रहम गर्दिश-ए-रोज़गार में अपनी तलाश चोड़कर छोड़कर जो है तलाश-ए-यार में
हम कहीं जानेवाले हैं दामन-ए-इश्क़ चोड़कर छोड़कर ज़िस्त ज़ीस्त तेरे हुज़ूर में, मौत तेरे दयार में
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