भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण ’पंकिल’'पंकिल'}}{{KKPageNavigation|पीछे=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल' पृष्ठ 4|आगे=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल' पृष्ठ 6|सारणी=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल'
}}
<poem>  
सो कर नहीं बिता वासर दिन रात जागता रह मधुकर
जो सोता वह खो देता है मरुथल में जीवन निर्झर