भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
<poem>
'''तेग़े-हिन्दी<ref>भारतीय तलवार</ref>'''
साफ़ करती सफ़े-दुश्मन <ref>शत्रु का व्यूह</ref>तू जिधर चलती है
हाथ बाँधे तेरे साये में ज़फ़र <ref>विजय-श्री</ref>चलती है
 
* *
 
तुझ में वोह आब है शेरों का जिगर पानी है
दुश्मनों के लिए जुम्बिश तेरी तूफ़ानी है