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हसरत मोहानी

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*[[अब तो उठ सकता नहीं आँखों से बार-ए-इंतेज़ार / हसरत मोहानी ]]
*[[देखना भी तो उन्हें दूर से देखा करना / हसरत मोहानी ]]
*[[हुस्न-ए-बेपरवाह बेपरवा को खुदबीं-ओ-ख़ुदारा कर दिया / हसरत मोहानी ]]
*[[जज़्ब-ए-कामिल को असर अपना दिखा देना था / हसरत मोहानी ]]
*[[कैसे छुपाऊँ राज़-ए-गम दीदा-ए-तर को क्या करूँ / हसरत मोहानी ]]