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गिला है शौक़ को दिल में भी तंगी-ए-जा<ref>जगह की तंगी</ref> का
ये जानता हूँ कि तू और पासुख़े-मकतूब<ref>ख़त का जवाब</ref>
मगर सितमज़दा<ref>सताया हुआ</ref> हूँ ज़ौक़े-ख़ामाफ़र्साख़ामा-फ़र्सा<ref>लिखने की आदत</ref>का
हिना-ए-पा-ए-ख़िज़ाँख़िज़ां<ref>पतझड़ के पैरों की मेंहदी</ref> है बहार अगर है यही
दवाम<ref>हमेशा</ref> क़ुल्फ़ते-ख़ातिर<ref>दुख, क्लेश के लिए</ref> है ऐश दुनिया का
ग़मे-फ़िराक़<ref>विरह के दु:ख</ref>में तक़लीफ़ेतकलीफ़-सैरे-बाग़ <ref>बाग़ में सैर का कष्ट</ref>न दो मुझे दिमाग़ नहीं ख़न्दाहाएख़न्दा हाए-बेजा<ref>अकारण हँसना </ref> का
जफ़ा में उसकी है अन्दाज़<ref>ढंग</ref> कारफ़रमा<ref>प्रियवर</ref> का
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