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वर्ग-विभाजन / अशोक चक्रधर

No change in size, 08:39, 3 मार्च 2010
वर्तनी सुधार
दुनिया में<br>
लोग होते हैं<br>
दो तरहा तरह के-<br><br>
पहले वे<br>
जो जीवन जीते हैं<br>
पसीन पसीना बहा के !<br><br>
दूसरे वे<br>
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