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घंटी बजती है
बच्चे आते हैं
चिड़िया नहीं गाती
पानी कल-कल नहीं करता
पेड़ों की छांव छाँव रूठ जाती है
बच्चों की दुनिया टूट जाती है
रचनाकाल : 1987
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