भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKRachna |रचनाकार=विजय वाते |संग्रह= ग़ज़ल / विजय वाते }} {{KKCatGhazal}} <poem> जलती आग…
{{KKRachna
|रचनाकार=विजय वाते
|संग्रह= ग़ज़ल / विजय वाते
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
जलती आग बुझाए कौन
अपने हाँथ जलाए कौन

दिल की तरह वो जिद्दी है
अब उसको समझाए कौन

ये भी खुदा है वो भी खुदा
किसके नाज़ उठाये कौन

दुनिया आनी जानी है
इंसां को समझाए कौन
</poem>