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{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
एक
सौ झूठ बोलने से बेहतर है
एक सच बोल देना
और सिर्फ़ एक सच
आपकी पूरी ज़िन्दगी बदल सकता है
2007
दो
लोग कहते हैं
कि सच छुप नहीं सकता
मैं कहता हूँ
कि सच तो छुप सकता है
मगर झूठ कभी नहीं
2009
<poem>
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एक
सौ झूठ बोलने से बेहतर है
एक सच बोल देना
और सिर्फ़ एक सच
आपकी पूरी ज़िन्दगी बदल सकता है
2007
दो
लोग कहते हैं
कि सच छुप नहीं सकता
मैं कहता हूँ
कि सच तो छुप सकता है
मगर झूठ कभी नहीं
2009
<poem>