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|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
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<poem>
बम फटा था ।
सूँ-सूँ करके
साँप जो निकला
ऐसे लगा, मानो
जादू चला था ।
ऐसी ग़ज़ब की
हुई दिवाली
किलकारी का
शोर मचा था ।
जगमग हो गई
दुनिया सारी