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शिल्पी ने कहा / सविता सिंह
Kavita Kosh से
मरने के बाद जागकर शिल्पी ने
अपने बलात्कारियों से कहा
'तुम सबने सिर्फ़ मेरा शरीर नष्ट किया है
मुझे नहीं
मैं जीवित रहूँगी सदा प्रेम करने वालों की यादों में
दुःख बनकर
पिता के कलेजे में प्रतिशोध बनकर
बहन के मन में डर की तरह
माँ की आँखों में आँसूं होकर
आक्रोश बनकर
लाखों-करोड़ों दूसरी लड़कियों के हौसलों में
वैसे भी अब नहीं बाच सकता ज़्यादा दिन बलात्कारी
हर जगह रोती कलपती स्त्रियाँ उठा रही हैं अस्त्र