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शिव समान दाता नहीं जग में / भवप्रीतानन्द ओझा
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झूमर
शिव समान दाता नहीं जग में
नत कोउ एहन कृपाल गे माई
शाल दोशाला शिव भक्त के ओड़ावधी
आपनें ओड़थी बाघ छाल गे माई
क्षीर सिन्धु उपबन्धु के देलथीन
नीज मुखे गरल कराल गे माई
इन्द्र सिर ताजमुकुट पिन्हावथी
निज सिर विषधर व्याल गे माई
दीन कुबेर कर रत्न पात्र देलथीन
निजकर कलित कपाल गे माई
भूलही जेराखल चान खँसी सिर
व्याध के करला निहाल गे माई
कृष्ण संग देला बहुत वर सुन्दरी
निज सुगभूत वैताल गे माई
निज लागी वास मसान वनावथी
देव लागी स्वर्ग विशाल गे माई
भवप्रीता हर चरणें मनावथी, मेटु
प्रभु जनम जंजाल गे माई।