भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

संघर्ष ना छोड़ इरादा ना तोड़ / सतबीर पाई

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

संघर्ष ना छोड़ इरादा न तोड़
आबादी बताई तेरी हो हो हो हो सत्तर करोड़...

बहुत हुए बरबाद याद करले कहाणी
आपस के मैं मेल कर ले जै जिंदगी चलाणी
पड़ैं ना मुसीबत ठाणी, हो समाज नै ले जोड़...

झूठी करते बात हाथ यां झूठा मिलावैं
इलेक्शन के टाईम तेरै रोज घरां आवैं
आकै बहकावैं तनैं, हो रचकै फरोड़...

ठाले नै हाथ के मैं झण्डा तू नीला
करकै द्वेष खत्म छोड़ शिकवा गिला
चाल्लै ना ढील्ला साथी, हो हिम्मत तै दौड़...

प्रकाश भारती नेता दलितों का प्यारा
पाई वाले सतबीर ईब मिलैगा किनारा
यू है सहारा तेरा, हो एक वोट की मरोड़...