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सरकारी स्कूल / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
Kavita Kosh से
इस्कूल लाल गुलाबी छै
मैडमें जिम्मां चाभी छै
रोज पहाड़ा लिखनंे चल
कथा कहानी सीखनंे चल।
पढ़ै के घरिया आगू ताक
मिलतौ एक-रंगा पोशाक
सरकारिये किताबों मिलतै
माय-बाप के मुखरा खिलतै।
बड़की कॅ साईकिल मिललै
छोटकियों भी साथें चललै
शान से बोलै करबै फस्ट
चाहे केतनों होतै कष्ट।