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सलामती के लिए / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
साँपों को
आस्तीन में रखना पड़ता है
कभी-कभी
पनाह देना पड़ता है
गिरगिट को
घर की चाभियाँ
चूहों के हवाले करनी पड़ती है
घर की सलामती के लिए
कभी-कभी।