Last modified on 15 अक्टूबर 2013, at 12:45

सातवौ फेरौ / अर्जुनदेव चारण

आखै कडूम्बै सांम्ही
म्हारौ बाप
करियौ म्हारौ दांन
आप दयाळू
करी किरपा
म्हनै अंगेजण री
नींतर आज रै जमानै
कुण लेवै दांन

आपरौ ओ ऐसांन
नीं भूलैला कडूम्बौ
नीं भूलूंला म्हैं
आप रै पांण
बांटीजी बधाइयां म्हारै आंगणै

ओ आंगणौ
जुगो जुग गावैला आपरौ जस
आप चावौ जणै
फैंक सकौ
दांन लियोड़ी चीज बारै
ओ आपरौ हक है

लौ
म्हैं
सातवौ फेरौ लेवूं