भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हर तरफ अन्धी सियासत है, बताओ क्या करें ? / योगेन्द्र दत्त शर्मा
Kavita Kosh से
हर तरफ अन्धी सियासत है, बताओ क्या करें ?
रेहन में पूरी रियासत है, बताओ क्या करें ?
झुण्ड पाग़ल हाथियों का, रौंदता है शहर को
और अंकुश में महावत है, बताओ क्या करें ?
जुल्म की दिलकश अदाएँ, रेशमी रंगीनियाँ,
गिड़गिड़ाती-सी बगावत है, बताओ क्या करें ?
आँख में अंगार, मन में क्षोभ, साँसों में घुटन
ये बुजुर्गों की विरासत है, बताओ क्या करें ?