भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
होलर का बाबा / खड़ी बोली
Kavita Kosh से
					
										
					
					   ♦   रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
 - अवधी लोकगीत
 - कन्नौजी लोकगीत
 - कश्मीरी लोकगीत
 - कोरकू लोकगीत
 - कुमाँऊनी लोकगीत
 - खड़ी बोली लोकगीत
 - गढ़वाली लोकगीत
 - गुजराती लोकगीत
 - गोंड लोकगीत
 - छत्तीसगढ़ी लोकगीत
 - निमाड़ी लोकगीत
 - पंजाबी लोकगीत
 - पँवारी लोकगीत
 - बघेली लोकगीत
 - बाँगरू लोकगीत
 - बांग्ला लोकगीत
 - बुन्देली लोकगीत
 - बैगा लोकगीत
 - ब्रजभाषा लोकगीत
 - भदावरी लोकगीत
 - भील लोकगीत
 - भोजपुरी लोकगीत
 - मगही लोकगीत
 - मराठी लोकगीत
 - माड़िया लोकगीत
 - मालवी लोकगीत
 - मैथिली लोकगीत
 - राजस्थानी लोकगीत
 - संथाली लोकगीत
 - संस्कृत लोकगीत
 - हरियाणवी लोकगीत
 - हिन्दी लोकगीत
 - हिमाचली लोकगीत
 
होलर का बाबा यूँ कहै-
तुम खरचो दाम बतेरे
होलर की दादी ये कहै-
होलर कै हुण्डी लाया
सिर ते सरफुल्ला आया
- पैरों से नंगा आया
 
हाथों की मुट्ठी भींच कै
सिर पै झण्डूले लाया ।
होलर का ताऊ यूँ कहै-
तुम खरचो दाम बतेरे
होलर की ताई यूँ कहै-
होलर कै हुण्डी लाया
सिर ते सरफुल्ला आया
- पैरों से नंगा आया
 
हाथों की मुट्ठी भींच कै
सिर पै झण्डूले लाया ।
>>>>>>>>>>>>>>>>
1-होलर =नवजात शिशु
2-सरफुल्ला =नंगे सिर
3-झण्डूले = बच्चे के सिर के नवजात बाल
	
	