भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अक्की-बक्की / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:17, 28 सितम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सर्वेश्वरदयाल सक्सेना |अनुवादक= |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अक्की-बक्की करें तरक्की,
गेहूँ छोड़ के बोएँ मक्की।
मक्की लेकर भागें चक्की,
देखे बुढ़िया हक्की-बक्की
नक्की-झक्की पूरी शक्की!