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सितारों से कोई कह दे कि हम धरती के बाशिन्दे
तुम्हारी गर्दिशों<ref>चक्कर</ref> को सिर्फ़ ख़रमस्ती<ref>गदहे का लोटपोटहोना</ref> समझते हैं।
अगर्चे इसमें रोटी-दाल की चिन्ता नहीं रहती