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अंग महाजनपद छिकै, धरम भूमि हो भाय ।
भाषा एकरोॅ अंगिका , सीधे ह्रदय समाय ।1।
भाषा हमरोॅ अंगिका, हमरोॅ माय सामान समान ।
तन-मन-धन करतेॅ रहौं, ममता पर क़ुर्बान ।2।
‘राहुल’ करतै की भला, एकरोॅ परतल कोय ।4।
अपनोॅ भाषा में करोॅ, लोगोॅ सेॅ संवाद ।5।
निज बोली मेॅ बोलभौ जों तों बात ‘शिवाय’ ।6।
अंग वेद के काल सेॅ, महाजनपद छै प्रसिद्ध हो भाय ।
आदि अंग के अंगिका, भाषा मधुर ‘शिवाय’ ।7।
झूमर-कजरी ठो करै, गद-गद मोॅन ‘शिवाय’ ।8।
बिहुला-सामा गीत होकेॅ, देवी गीत हो भाय घर-घर गैलोॅ जाय ।
‘राहुल’ ! बाबा धाम के, गीत हिया हरसाय ।9।
सिद्धोॅ के भाषा छलै , बोलै छै इतिहास ।
‘राहुल’ होतै भोर हो, करनेॅ चलोॅ प्रयास ।10।