भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अंधेरा और रोशनी-4 / गिरिराज किराडू" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो (अंधेरा और रोशनी-4 /गिरिराज किराडू का नाम बदलकर अंधेरा और रोशनी-4 / गिरिराज किराडू कर दिया गया है)
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita}}
 
<Poem>
 
<Poem>
 
पृथ्वी ने देखा सूरज पर अंधेरा है
 
पृथ्वी ने देखा सूरज पर अंधेरा है

11:02, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

पृथ्वी ने देखा सूरज पर अंधेरा है
पृथ्वी ने देखा चांद पर अंधेरा है
और वह इस तरह रोने लगी जैसे रोने लगी थी साथ काम करने वाली वह लड़की
जिसके अपमान में नहीं, रोने में तुम्हारी छवि नही,तुम्हार रोना झाँकता हुआ
पाकर इस्तीफ़ा दे दिया था मैंने ।