भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अनबुझल / शेफालिका वर्मा

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:09, 29 सितम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शेफालिका वर्मा |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 अंतरिक्षसँ अकाससँ अन्तरक उजाससँ
स्वरपर स्वर आबि रहल अछि
कानमे गूंजि रहल अछि...
हम अहाँकेँ देखने छी
मुन्हारि संझाक रुसल बेरियामे...
जखन अन्हार किरणक छातीसँ
प्रकाश मचोरि पिबैत अछि
अधिककाल अहाँकेँ देखने छी
गुज्ज गुज्ज अन्धकारमे
इजोतक निर्माण करैत
हतास निरास मानवकेँ जीवनक वरदान दैत
अहाँक अंतर्मन
अबाध लेखनी थिक
अनकहल परिभाषाकेँ जाहिसँ आकार भेटल
शब्दकेँ अर्थ भेटल
स्वप्नक सिनेह भेटल
तैयो
अहाँकेँ बुझबाक प्रयत्न केओ नहि केलनि
त्यागमयी बनि पीबि रहल छी विष
बाँटि रहल छी अमृत अहाँ
शांतिप्रिय शांतिप्रिय