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"अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली / हिन्दी लोकगीत" के अवतरणों में अंतर

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
इनकी मनोहर जोडी लागे कितनी भली
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
बहना के घर में ये पहली खुशी है
पहली खुशी बडी देर से मिली है
सपना पूरा हुआ, मन की आशा फली
इनकी मनोहर जोडी लागे कितनी भली
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
दिन रंग भरे आयेंगे, होगी हर रात दिवाली
संग ले के चली अपने घर, अब दिया जलाने वाली
प्यारे भैया ने पायी दुल्हन सांचे में ढली
इनकी मनोहर जोडी लागे कितनी भली
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली