भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
[[Category:चोका]]
<poem>
नीला आकाशआया काला बादलजैसे ही देखाचुप हुई कोयलबैठी थी भूलवो मधुरिम गान ।आ गई तभीबादलों को चीरतीनन्ही किरणकोयल का हौसलालौटके आयाखूब थी छेड़ीफिर उसने तान। बादल कालाअब हुआ हैरान।दौड़के आईसूरज की बहनावायु का बसअब,क्या है कहना।उठा बादलघाटी में फेंक आई।पलभर मेंचमचम करतीरोशनी खिल आई।
</poem>