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"अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी / महादेवी वर्मा" के अवतरणों में अंतर
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− | + | आँधी आई जोर शोर से, | |
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− | उड़ा घोंसला | + | उड़ा घोंसला अंडे फूटे, |
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− | अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी ? | + | अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी? |
− | घर में पेड़ कहाँ से लाएँ | + | हमने खोला आलमारी को, |
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− | कैसे फूटे अंडे | + | पर वो चीं-चीं कर्राती है |
− | किससे यह सब बात कहेगी | + | घर में तो वो नहीं रहेगी! |
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+ | किससे यह सब बात कहेगी! | ||
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13:55, 12 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण
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आँधी आई जोर शोर से,
डालें टूटी हैं झकोर से।
उड़ा घोंसला अंडे फूटे,
किससे दुख की बात कहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी?
हमने खोला आलमारी को,
बुला रहे हैं बेचारी को।
पर वो चीं-चीं कर्राती है
घर में तो वो नहीं रहेगी!
घर में पेड़ कहाँ से लाएँ,
कैसे यह घोंसला बनाएँ!
कैसे फूटे अंडे जोड़े,
किससे यह सब बात कहेगी!
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी?