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अरे बरसन लागे बुंदिया चला भागा पिया / खड़ी बोली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अरे बरसन लागे बुंदिया चला भागा पिया,

अरे घूंघटा भीगे तो भिजन दे अरे अंखिया ले चल बचाई पिया,

अरे नथ भीजे तो भीजन दे...अरे होंठवां ले चल बचाई पिया

अरे चोलीया भीजे तो भीजन दे अरे जुबना ले चल बचाइ पिया.

अरे लहंगा भीजे तो भीजन दे...अरे जंघिया ले चल बचाइ पिया