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अवध की ख़ाक-ए-हसीं
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गुज़रते बरसात आते जाड़ों के नर्म लमहे
हवाओं में तितलियों के मानिन्द उड़ रहे हैं
रगों के अन्दर लहू की बूँदें मचल रही हैं
मिरे तसव्वुर के ज़ख़्म-ख़ुर्दा
उफ़क१ उफ़क<ref>क्षितिज</ref> से यदों के कारवाँ यूँ गुज़र रहे हैंकि जैसे तारीक२ शब३ तारीक<ref>अँधेरी</ref> शब<ref>रात</ref> के तारीक आसमाँ से
चमकते तारों के मुसकराते हुजूम गुज़रें
घटाओं की अप्सराएँ अपनी
घनेरी ज़ुल्फ़ों में आख़िरी बार मुस्करा कर
ख़लीजे-बंगाल४ बंगाल<ref>बंगाल की खाड़ी</ref> और बह्रे-अरब५ अरब<ref>अरब सागर</ref> के मोती पिरो रही हैं
हरे परों और नीले फूलों के मोर ख़ुश हो के नाचते हैं
मिरे तसव्वुर में साक़ियों का ख़िरामे-रंगीन न जामो-मीना की गर्दिशें हैं
न मयकदे हैं न शोरिशें६ शोरिशें<ref>झगडे़</ref> हैं
मैं छोटे-छोटे घरों की छोटी-सी ज़िन्दगी में घिरा हुआ हूँ
अँधेरे क़स्बों को याद करके तड़प रहा हूँ
द्रौपदी का लिबास उसके बदन से कब तक छिना करेगा
शकुन्तला कब तक अन्धी तक़दीर के भँवर में फँसी रहेगी
यह लखनऊ की शिगुफ़्तगी७ शिगुफ़्तगी<ref>प्रसन्नता</ref> मक़बरों में कब तक दबी रहेगी
सरों के ऊपर मुसीबतों के पहाड़ कब तक गिरा करेंगे
ख़बासतें८ ख़बासतें<ref>दुष्टता</ref> कब तलक अहिंसा का रूप धारे फिरा करेंगी
किसान जो अपनी धरती पे जानवर की तरह झुके हैं
ये औरतें जिनके हाथ पीछे बँधे हुए हैं
जो ऊँचे पेड़ों पे अपने बालों की फाँसियों में लटक रही हैं
यह काँपती मुफ़लिसी९ मुफ़लिसी<ref>ग़रीबी</ref> जो आयी है छातियों का लगान लेकर
ये नन्हे बच्चे जो मालिकों के मवेशियों को चरा रहे हैं
जो खेत मज़दूर भूके रहकर ज़मीं से गेहूँ उगा रहे हैं
अब आँसुओं की पुरानी झीलों से सुर्ख़ शोले उबल रहे हैं
ग़मों की भारी सिलें दिलों से सरक रही हैं
शुजाअतें१० शुजाअतें<ref>वीरता</ref> गोफनों को लेकर निकल रही है
झुके हुए सर उभरते सूरज की शानो-शौकत से उठ रहे हैं
यह सूरमाओं की सरज़मीं है
यह आसमाने-ख़मोश तूफ़ाने-बर्क़ो-बाराँ११ बाराँ<ref>बिजली और बादलों के तूफ़ान</ref> का आसमाँ है
यह मुस्कराती हुई फ़ज़ा सुर्ख़ आँधियों से भरी हुई है
यहाँ का एक-एक चप्पा लाखों बग़ावतों से बसा हुआ है
वतन से कुछ दूर हूँ तो क्या है
मगर मैं उसके जुजाहिदों की सफ़ों से बाहर नहीं गया हूँ
==============================१.क्षितिज २.अँधेरी ३.रात ४.बंगाल की खाड़ी ५.अरब सागर ६.झगडे़ ७.प्रसन्नता ८.दुष्टता ९.ग़रीबी १०.वीरता ११.बिजली और बादलों के तूफ़ान</poem>{{KKMeaning}}