भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अेक सौ उणचास / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

06:33, 4 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

भाखा रै ताण
जींवता है मिंदर
-मैजिद
-चरच
-गुरुद्वारा
पण भाखा साव अेकली
काळजै फाटै बीं रै बुसबुसिया

सगळी व्याकरण सूं अलोप
सत बीं रो ऊभो है
कळजुग री रेलगाडी रै अेक कूणै
जोवै बाट उण टेसण री
जठै उतरणो है उणनैं
अर पै'र लेवणी है फूलमाळावां।