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'''माहिया:-'''
माहिया पंजाब के प्रेम गीतों का प्राण है । पहले इसके विषय प्रमुख रूप से प्रेम के दोनों पक्ष- संयोग और विप्रलम्भ रहे हैं।वर्तमान में इस गीत में सभी सामाजिक सरोकारों का समावेश होता है । तीन पंक्तियों के इस छ्न्द में पहली और तीसरी पंक्ति में 12 -12 मात्राएँ तथा दूसरी पंक्ति में 10 मात्राएँहोती हैं। पहली और तीसरी पंक्तियाँ तुकान्त होती है ।-'''रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’'''
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आँसू जब बहते हैं