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<poem>समंदर में नहीं तैरती मछली
 
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मछली में तैरता है समंदर  
 
मछली में तैरता है समंदर  

04:34, 28 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

समंदर में नहीं तैरती मछली
मछली में तैरता है समंदर
नहीं है कुछ भी
बाहर के बाहर
और न ही कुछ
अंदर के अंदर
शेरनियां जनने लगी है चूहे आजकल
सांपिनों की कोख से
पैदा हो रहे हैं बंदर