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"आदमी की अज़ीब हालत है / शेरजंग गर्ग" के अवतरणों में अंतर

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08:10, 18 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण

आदमी की अज़ीब हालत है
वहशियों में ग़ज़ब की ताकत है

चन्द नंगो ने लूट ली महफिल
और सक्ते में आज बहुमत है

अब किसे इस चमन की चिंता है
अब किसे सोचने की फुरसत है

जिनके पैरो तले ज़मीन नहीं
उनके सर पर उसूल की छत है

रेशमी शब्दजाल का पर्याय
हर समय, हर जगह सियासत है

वक़्त के डाकिए के हाथों में
फिर नए इंकलाब का खत है