भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आप आयेंगें जान आयेगी / रंजना वर्मा

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:30, 13 मार्च 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना वर्मा |अनुवादक= |संग्रह=एहस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आप आयेंगे जान आयेगी
पंछियों में उड़ान आयेगी

ये कलम आप की बदौलत ही
ले के' खुशियाँ महान आयेगी

जिंदगी खुशनसीब है उसकी
ले मुहब्बत की खान आयेगी

ख़्वाब आँखों मे डूब जायेंगे
जब नदी की उफान आयेगी

रुख करेगी इधर मसर्रत तो
साथ ले कर जहान आयेगी

प्रीति मचलेगी जब निगाहों में
तब बड़ी आन बान आयेगी

होगी मायूस जब जमाने से
तब खुशी इस मकान आयेगी