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आम लगी घन महुआ, बीचे राह लगी / भोजपुरी

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आम लगी घन महुआ, बीचे राह लगी, ए हँ बीचे राह लगी,
ताही पर सुन्नर ठाढ़ नएनवाँ से नीर ढरी।।१।।
बाट त पूछे बटोहिया, सुन्नर काहें खड़ी, ए हँ सुन्नर काहें खड़ी;
केकर जोहेलू बाट, नएनवाँ से नीर ढरी।।२।।
तोहरी अइसन पातरी हो, कुदेस गइल, ए हँ देस गइल,
उन्हीं के जोहेलीं बाट, नएनवाँ से नीर ढरी।।३।।
देबों में डाली भर सोनवा, मोती माँग भरी, ए हँ मोती माँग भरी;
छोड़ी देहु पिया के बिरोगवा, हमारे संग साथ चलू।।४।।
आगी त लगइबों डाली भर सोनवा, मोती लाते मिसी, ऐ हँ मोती लाते मिसी;
नाहीं छोड़बों पिया के बिरोगवा, तोहरे संग ना जइबों।।५।।