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"आशिक़ की भी कटती हैं क्या ख़ूब तरह रातें / सौदा" के अवतरणों में अंतर
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<poem>आशिक़ की भी कटती हैं क्या ख़ूब तरह रातें | <poem>आशिक़ की भी कटती हैं क्या ख़ूब तरह रातें | ||
दो चार घड़ी रोना, दो चार घड़ी बातें | दो चार घड़ी रोना, दो चार घड़ी बातें | ||
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मरता हूँ मैं इस दुख से, याद आती हैं वो बातें | मरता हूँ मैं इस दुख से, याद आती हैं वो बातें | ||
क्या दिन वो मुबारक थे, क्या ख़ूब थीं वो रातें | क्या दिन वो मुबारक थे, क्या ख़ूब थीं वो रातें | ||
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औरों से छुटे दिलबर, दिलदार होवे मेरा | औरों से छुटे दिलबर, दिलदार होवे मेरा | ||
बर हक़ है अगर पीरों, कुछ तुम में करामातें | बर हक़ है अगर पीरों, कुछ तुम में करामातें | ||
[करामातें=चमत्कार] | [करामातें=चमत्कार] | ||
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कल लड़ गईं कूचे में आँखों से मेरी आँखें | कल लड़ गईं कूचे में आँखों से मेरी आँखें | ||
कुछ ज़ोर ही आपस में दो दो हुई समघातें | कुछ ज़ोर ही आपस में दो दो हुई समघातें | ||
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कुछ पेश न जावेंगी यहाँ तेरी मनजातें | कुछ पेश न जावेंगी यहाँ तेरी मनजातें | ||
[मनजातें=प्रार्थना] | [मनजातें=प्रार्थना] | ||
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सौदा को अगर पूछो अहवाल है ये उसका | सौदा को अगर पूछो अहवाल है ये उसका | ||
दो चार घड़ी रोना, दो चार घड़ी बातें | दो चार घड़ी रोना, दो चार घड़ी बातें | ||
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00:19, 15 मई 2009 का अवतरण
आशिक़ की भी कटती हैं क्या ख़ूब तरह रातें
दो चार घड़ी रोना, दो चार घड़ी बातें
मरता हूँ मैं इस दुख से, याद आती हैं वो बातें
क्या दिन वो मुबारक थे, क्या ख़ूब थीं वो रातें
औरों से छुटे दिलबर, दिलदार होवे मेरा
बर हक़ है अगर पीरों, कुछ तुम में करामातें
[करामातें=चमत्कार]
कल लड़ गईं कूचे में आँखों से मेरी आँखें
कुछ ज़ोर ही आपस में दो दो हुई समघातें
इस इश्क़ के कूचे में ज़ाहिद तू सम्भल चलना
कुछ पेश न जावेंगी यहाँ तेरी मनजातें
[मनजातें=प्रार्थना]
सौदा को अगर पूछो अहवाल है ये उसका
दो चार घड़ी रोना, दो चार घड़ी बातें