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आश्चर्य / सुशान्त सुप्रिय

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आज दिन ने मुझे
बिना घिसे
साबुत छोड़ दिया

मैं अपनी धुरी पर
घूमते हुए
हैरान सोच रहा हूँ

यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ