भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आ नाव मझधार अर एकलो आदमी / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया }} […) |
(कोई अंतर नहीं)
|
09:34, 10 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
आ नाव मझधार अर एकलो आदमी
आ टूटी पतवार अर एकलो आदमी
पडूं-पडूं भींतां अर छात हेठै वासो
आ बिरखा री मार अर एकलो आदमी
थारो कांई तूं बस थारी खेंच ओढ
आ बात बेकार अर एकलो आदमी
हाथ नै बाढै हाथ अर छोड़ै पग मन
आ दोलड़ी मार अर एकलो आदमी
एक आस लियां मन अलख जगातो फ़िरै
आ हवा हथियार अर एकलो आदमी