भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"इश्क़ तासीर से नौमेद नहीं / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
छो
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
लेखक: [[ग़ालिब]]
+
{{KKGlobal}}
[[Category:कविताएँ]]
+
{{KKRachna
[[Category:गज़ल]]
+
|रचनाकार=ग़ालिब
[[Category:गा़लिब]]
+
|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
 +
}}
 +
[[Category:ग़ज़ल]]
 +
<poem>
 +
इश्क़ तासीर<ref>प्रभाव</ref> से नोमीद<ref>निराश</ref> नहीं
 +
जां-सुपारी<ref>जान निछावर करना</ref> शजर-ए-बेद<ref>बेद का फल (निष्फल)</ref> नहीं
  
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
+
सल्तनत दस्त-ब-दस्त आई है
 +
जाम-ए-मै ख़ातिम-ए-जमशेद<ref>जमशेद बादशाह की अंगूठी</ref> नहीं
  
इश्क़ तासीर से नौमेद नहीं <br>
+
है तजल्ली<ref>प्रकाश</ref> तेरी सामाने-वजूद
जाँ सुपारी शह्ज्र--बेद नहीं<br><br>  
+
ज़र्रा बे-परतवे-ख़ुर्शीद<ref>सूरज के आलोक के बिना</ref> नहीं
  
सुल्तनत दस्त--दस्त आई है <br>
+
राज़--माशूक़ न रुसवा हो जाये
जाम-ए-मै ख़ातम-ए-जमशेद नहीं <br><br>
+
वर्ना मर जाने में कुछ भेद नहीं  
  
है तजल्ली तेरी सामने वजूद <br>
+
गर्दिश-ए-रंग-ए-तरब<ref>बदनाम</ref> से डर है
जरा बेपरतवे ख़ुर्शीद नहीं <br><br>
+
ग़म-ए-महरूमी-ए-जावेद<ref>आनन्द के परिवर्तनशील</ref> नहीं
  
राज़-ए-माशूक़ न रुसवा हो जाये <br>
+
कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग  
वर्ना मर जाने में कुछ भेद नहीं <br><br>
+
हम को जीने की भी उम्मीद नहीं</poem>
 
+
{{KKMeaning}}
गर्दिश-ए-रन्ग-ए-तरब से डर है <br>
+
ग़म-ए-महरूमी-ए-जावेद नहीं <br><br>
+
 
+
कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग <br>
+
हम को जीने की भी उम्मीद नहीं <br><br>
+

16:21, 1 जून 2010 के समय का अवतरण

इश्क़ तासीर<ref>प्रभाव</ref> से नोमीद<ref>निराश</ref> नहीं
जां-सुपारी<ref>जान निछावर करना</ref> शजर-ए-बेद<ref>बेद का फल (निष्फल)</ref> नहीं

सल्तनत दस्त-ब-दस्त आई है
जाम-ए-मै ख़ातिम-ए-जमशेद<ref>जमशेद बादशाह की अंगूठी</ref> नहीं

है तजल्ली<ref>प्रकाश</ref> तेरी सामाने-वजूद
ज़र्रा बे-परतवे-ख़ुर्शीद<ref>सूरज के आलोक के बिना</ref> नहीं

राज़-ए-माशूक़ न रुसवा हो जाये
वर्ना मर जाने में कुछ भेद नहीं

गर्दिश-ए-रंग-ए-तरब<ref>बदनाम</ref> से डर है
ग़म-ए-महरूमी-ए-जावेद<ref>आनन्द के परिवर्तनशील</ref> नहीं

कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग
हम को जीने की भी उम्मीद नहीं

शब्दार्थ
<references/>