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"इश्क़ तासीर से नौमेद नहीं / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर

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इश्क़ तासीर<ref>प्रभाव</ref> से नोमीद<ref>निराश</ref> नहीं
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जां-सुपारी<ref>जान निछावर करना</ref> शजर-ए-बेद<ref>बेद का फल (निष्फल)</ref> नहीं
  
इश्क़ तासीर से नौमेद नहीं <br>
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सल्तनत दस्त-ब-दस्त आई है
जाँ सुपारी शजर-ए-बेद नहीं<br><br>  
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जाम-ए-मै ख़ातिम-ए-जमशेद<ref>जमशेद बादशाह की अंगूठी</ref> नहीं
  
सुल्तनत दस्त-ब-दस्त आई है <br>
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राज़-ए-माशूक़ न रुसवा हो जाये
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वर्ना मर जाने में कुछ भेद नहीं  
  
राज़-ए-माशूक़ न रुसवा हो जाये <br>
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गर्दिश-ए-रंग-ए-तरब<ref>बदनाम</ref> से डर है
वर्ना मर जाने में कुछ भेद नहीं <br><br>
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गर्दिश-ए-रंग-ए-तरब से डर है <br>
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हम को जीने की भी उम्मीद नहीं</poem>
 
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कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग <br>
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हम को जीने की भी उम्मीद नहीं <br><br>
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21:35, 5 मार्च 2010 का अवतरण

इश्क़ तासीर<ref>प्रभाव</ref> से नोमीद<ref>निराश</ref> नहीं
जां-सुपारी<ref>जान निछावर करना</ref> शजर-ए-बेद<ref>बेद का फल (निष्फल)</ref> नहीं

सल्तनत दस्त-ब-दस्त आई है
जाम-ए-मै ख़ातिम-ए-जमशेद<ref>जमशेद बादशाह की अंगूठी</ref> नहीं

है तजल्ली<ref>प्रकाश</ref> तेरी सामाने-वजूद
ज़र्रा बे-परतवे-ख़ुर्शीद<ref>सूरज के आलोक के बिना</ref> नहीं

राज़-ए-माशूक़ न रुसवा हो जाये
वर्ना मर जाने में कुछ भेद नहीं

गर्दिश-ए-रंग-ए-तरब<ref>बदनाम</ref> से डर है
ग़म-ए-महरूमी-ए-जावेद<ref>आनन्द के परिवर्तनशील</ref> नहीं

कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग
हम को जीने की भी उम्मीद नहीं

शब्दार्थ
<references/>