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"ऎसा क्यों होता है?-6 / वेणु गोपाल" के अवतरणों में अंतर

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ऎसा क्यों होता है-
 
ऎसा क्यों होता है-
 
कि होने के शोर में
 
कि होने के शोर में
कुछ भी नहीं हो पात
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कुछ भी नहीं हो पाता
  
 
और
 
और

01:32, 16 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

ऎसा क्यों होता है-
कि होने के शोर में
कुछ भी नहीं हो पाता

और
फिर भी कवि को यह भ्रम
होता रहता है

कि वह
कविता लिख रहा है
और इसलिए
वह
कवि बना हुआ है