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"ऐसा लगता है ज़िन्दगी तुम हो / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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ऐसा लगता है ज़िन्दगी तुम हो
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अजनबी जैसे अजनबी तुम हो
  
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अब कोई आरज़ू नहीं बाकी
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जुस्तजू मेरी आख़िरी तुम हो
  
ऐसा लगता है ज़िन्दगी तुम हो <br>
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मैं ज़मीं पर घना अँधेरा हूँ
अजनबी जैसे अजनबी तुम हो <br><br>
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आसमानों की चांदनी तुम हो
  
अब कोई आरज़ू नहीं बाकी <br>
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दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
जुस्तजू मेरी आख़िरी तुम हो <br><br>
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किस ज़माने के आदमी तुम हो
 
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मैं ज़मीं पर घना अँधेरा हूँ <br>
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दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें <br>
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किस ज़माने के आदमी तुम हो <br><br>
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20:22, 4 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

ऐसा लगता है ज़िन्दगी तुम हो
अजनबी जैसे अजनबी तुम हो

अब कोई आरज़ू नहीं बाकी
जुस्तजू मेरी आख़िरी तुम हो

मैं ज़मीं पर घना अँधेरा हूँ
आसमानों की चांदनी तुम हो

दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो